मंगलायतन विश्वविद्यालय अलीगढ़ और उषा मार्टिन विश्वविद्यालय, रांची (झारखंड) के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का शुक्रवार को शुभारंभ हुआ। कार्यशाला विश्वविद्यालय के मुख्य सभागार में आयोजित की जा रही है। जिसमें व्यक्तिगत व ऑनलाइन माध्यम से लोग प्रतिभाग कर रहे हैं। कार्यशाला का विषय ‘‘शैक्षिक वीडियो कार्यक्रमों का विकास’’ है। शुभारंभ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलित करके किया गया। कार्यशाला दूरस्थ एवं ऑनलाइन शिक्षा केंद्र के डायरेक्टर प्रो. मसूद परवेज के नेतृत्व में आयोजित की जा रही है।
कुलसचिव ब्रिगेडियर समरवीर सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि प्रभावी शिक्षण में तकनीकी का विशेष योगदान और महत्व होता है। प्रो. मसूद परवेज ने कार्यशाला के आयोजन के संबंध में विस्तार से प्रकाश डाला। मुख्य वक्ता के रूप में उषा मार्टिन विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. मधुलिका कौशिक ने कहा कि दूरस्थ शिक्षा में वीडियो के माध्यम से देश ही नहीं विदेश तक शिक्षा प्रदान की जा सकती है, इससे शिक्षा का दायरा बढ़ेगा। अध्यक्षीय उद्बोधन में उषा मार्टिन विश्वविद्यालय के प्रो चांसलर प्रो. सुरेश सी गर्ग ने कहा कि आज ऑनलाइन शिक्षा का महत्व बढ़ा है। इसमें वीडियो व आडियो के माध्यम से दुनिया में कही भी शिक्षा प्रदान कर सकते हैं। प्रथम सत्र के अंत में प्रो. वाईपी सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया। कुलपति प्रो. पीके दशोरा व परीक्षा नियंत्रक प्रो. दिनेश शर्मा ने बताया कि यह कार्यशाला निश्चित तौर पर शिक्षकों के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण और उपयोगी साबित होगी।
द्वितीय सत्र में दूरस्थ एवं ऑनलाइन शिक्षण की स्थिति: मल्टीमीडिया दृष्टिकोण पर इग्नू के प्रो. सीआरके मूर्ति व प्रो. ओपी देवल ने चर्चा की। उन्होंने बताया कि दूरस्थ एवं ऑनलाइन शिक्षण में ऑडियो-वीडियो की भूमिका अहम है। क्योंकि डिजिटल तकनीक का उपयोग किए बिना दूरस्थ शिक्षा ही संभव ही नहीं है। डिजीटल माध्यम से ऑडियो-वीडियो का उचित उपयोग ही इस क्षेत्र में अध्यापन और अध्ययन बेहतर बनाता है। कार्यशाला के द्वितीय दिवस में स्क्रिप्ट लेखन व कैमरे के सामने प्रस्तुति आदि का प्रशिक्षण होगा। समन्वयक डा. सोनी सिंह व संयोजक लव मित्तल रहे। संचालन डा. दीवा व शालिनी ने किया। आयोजन में प्रशासनिक अधिकारी गोपाल राजपूत, जितेंद्र यादव, तरुण शर्मा, योगेश कौशिक, रोबिन वर्मा, चंद्रेल कुलश्रेष्ठ, रेनू वर्मा, अंकुर शर्मा, रिपुदमन सिंह, अशोक गुप्ता का सहयोग रहा। इस अवसर पर प्रो. जेएल जैन, प्रो. रविकांत, प्रो. आरके शर्मा, प्रो. अशोक पुरोहित, प्रो. सिद्धार्थ जैन, प्रो. प्रमोद कुमार, डा. संतोष गौतम, डा. संजय पाल, डा. हैदर अली, डा. पूनम रानी आदि थे।